
चीफ जस्टिस ने कहा की – हम संविधान के आर्टिकल 370 को हटाने के लिए राष्ट्रपति की ओर से संवैधानिक आदेश जारी कराने की शक्ति के इस्तेमाल को वैध ठहराते है। हम निर्देश देते है की भारत का चुनाव आयोग 30 दिसंबर 2024 तक जम्मू कश्मीर विधानसभा के चुनाव कराने के लिए कदम उठाये।

चीफ जस्टिस ने ये भी कहा की – कोर्ट राष्ट्रपति के फैसले पर अपील पर सुनवाई नहीं कर सकता है। हलाकि कोई भी फैसला न्यायिक समीक्षा से परे नहीं है। लेकिन 370 ( 1 ) ( D ) के तहत लिए गए कई संवैधानिक आदेशों से पता चलता है की केंद्र और राज्य ने एक सहयोग प्रकिरिया के माध्यम से भारत का संविधान जम्मू और कश्मीर में लागू किया है।

और अंत में फैसला –
- अनुछेद 370 एक अस्थायी प्रावधान था
- विलय के बाद जम्मू और कश्मीर संप्रभु राज्य नहीं
- विलय के साथ जम्मू और कश्मीर ने संप्रभुता छोड़ी
- विषेस परिस्थितियों में अनुच्छेद 370 लगाया गया
- संविधान के अनुच्छेद 1 और 370 से स्पस्ट हुवा की जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है
- जम्मू और कश्मीर पर राष्ट्रपति का फैसला वैध है
- दूसरे राज्यों से अलग कोई भी आंतरिक संप्रभुता नहीं
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